विधायक मुकेश भाकर ने हाल ही में जिला कलेक्टर बाल मुकुंद असावा से मुलाकात की, जहां उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों के बारे में चर्चा की। भाकर ने इस मुलाकात में तबादलों में जातिगत और धार्मिक भेदभाव के खिलाफ आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जाति विशेष के कर्मचारियों के साथ तबादले करना गलत है और इसके विरोध में नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “हारे हुए प्रत्याशियों की अनुशंसा पर तबादले करना गलत है। जिन लोगों को जनता ने नकार दिया है, उन्हें अब जाति के आधार पर तबादले करना गलत है।”
भाकर ने इस संबंध में और भी कुछ कहा। उन्होंने कहा, “अगर सरकार ने हमारी चिंता को नहीं सुना है तो हम चुप नहीं बैठेंगे। हम सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करेंगे और इस मुद्दे को उठाएंगे।” यह बयान भाकर के तबादलों के मामले में उनकी नाराजगी को दर्शाता है।
तबादलों के मामले में जातिगत और धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाना गंभीर मुद्दा है। इसका समाधान करने के लिए सरकार को इस मामले पर गंभीरता से सोचना चाहिए और जरूरी कदम उठाने चाहिए। जनता के भरोसे को बनाए रखने के लिए सरकार को संबंधित अधिकारियों की चर्चा करनी चाहिए और उनकी चिंताओं को समझने की कोशिश करनी चाहिए। तबादलों को जातिगत और धार्मिक भेदभाव से मुक्त करना आवश्यक है ताकि सभी कर्मचारी अपनी क्षमता और कामयाबी के आधार पर तबादले प्राप्त कर सकें।