कसूम्बी गांव, जिसे निर्मल गांव के नाम से भी जाना जाता है, अपनी सफाई की उपेक्षा के कारण आज एक बड़ी समस्या का सामना कर रहा है। यहां कचरे के अंबार बने हुए हैं और इससे आम जनता बहुत परेशान है। यहां के नेताओं के बड़े गढ़ होने के बावजूद भी, गांव में सफाई की उचित व्यवस्था नहीं है।

दिन प्रतिदिन, मृत पशु सड़कों पर मिल रहे हैं, जो गांव की सफाई की कमी का प्रमाण है। तालाब का पानी इंसानों के लिए अयोग्य हो गया है, जबकि पशुओं को भी उसे पीने के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं है। गंदा पानी और कचरा सड़कों पर एक बड़ी समस्या बन चुके हैं, जो इस गांव के लोगों के लिए एक सरदर्द बात बन गई है।

इस समस्या का हल निकालने के लिए, स्थानीय प्रशासन और नेताओं को जल्दी से जल्दी कदम उठाने चाहिए। सफाई की उचित व्यवस्था को स्थापित करने के लिए सामुदायिक सहयोग भी आवश्यक होगा। लोगों को जागरूक करना चाहिए कि स्वच्छता उनकी जिम्मेदारी है और वे अपने गांव को स्वच्छ रखने के लिए सहयोग कर सकते हैं।

इस समस्या को हल करने में सभी की सहभागिता आवश्यक है। कसूम्बी गांव को एक स्वच्छ और हरित गांव बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए। इससे न केवल गांव की सफाई में सुधार होगा, बल्कि यह गांव के निवासियों की स्वास्थ्य और जीवन गुणवत्ता को भी सुधारेगा।