राजस्थान की वित्त मंत्री महोदया द्वारा पेश किए गए लेखानुदान में प्रदेश के लिए विजन की बजाय पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप ही दिखाई दिए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार पर कर्ज 2 लाख करोड़ बढ़ गया पर मैं उनकी जानकारी में लाना चाहूंगा कि भारत सरकार पर यूपीए सरकार के समय 2014 तक 55 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था जो 2023 तक 106 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 161 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
राजस्थान सरकार के सभी फाइनेंसियल इंडिकेटर भारत सरकार से बेहतर रहे हैं। राजस्थान की स्टेट जीडीपी 2018 में करीब 9 लाख करोड़ थी जो 2023 में लगभग 15 लाख करोड़ रुपये हो गई एवं राजस्थान आर्थिक विकास दर में उत्तर भारत में नंबर 1 और देश में नंबर 2 तक पहुंचा।
आज के लेखानुदान से राजस्थान की भाजपा सरकार ने “मोदी की गारंटी” की हवा निकाल दी है क्योंकि मोदी जी ने चुनाव में राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की कीमतें गुजरात और यूपी जैसे पड़ोसी राज्यों के समान करने की गारंटी दी थी पर आज लेखानुदान में इसका जिक्र तक नहीं किया गया है। यह दिखाता है कि मोदी की गारंटी पूरी तरह खोखली हैं। वैसे गारंटी शब्द ही मोदीजी ने कांग्रेस के कैंपेन से चुराया है।
किसान विरोधी सोच को प्रदर्शित करते हुए भाजपा सरकार ने हमारी सरकार द्वारा शुरू किए गए पृथक कृषि बजट को समाप्त कर दिया है जबकि वर्तमान बीजेपी सरकार के माननीय कृषि मंत्री ने पदभार संभालने के बाद हमारी इस पहल का स्वागत किया था।
लेखानुदान में सीतापुरा से अंबाबाड़ी मेट्रो की DPR की घोषणा करना बताता है कि 10 वर्ष पहले भी हमारी सरकार का विजन सही था। अगर पूर्ववर्ती BJP सरकार ने इसका काम बंद नहीं किया होता तो कम लागत में ही मेट्रो तैयार हो चुकी होती और आज जयपुर में बनी भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति नहीं बनती।
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